गीत -- निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव


जुलाई-अक्टूबर 10 ---------- वर्ष-5 अंक-2
--------------------------------------------------------
गीत-निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव


जीने के है कुछ रास्ते प्यार की इस अंगनाई में।
बिना प्यार के कुछ न मिलेगा क्या है हाथापाई में।।
कभी उठाओ नहीं लाठियाँ,
अगर जोश भी आता है।
गोली और गालियाँ छोड़ो,
अगर रोष भी आता है।
हम भोले भाले क्या जाने क्या है इस ठकुराई में।
बिना प्यार के कुछ न मिलेगा क्या है हाथापाई में।।
अंधे बनकर कभी नहीं
हम जीत सकेंगे भावना।
तन कर कोई कैसे करेगा,
हर मुश्किल का सामना।
झुक कर कितनों को जीता है, हमने भी चतुराई में।
बिना प्यार के कुछ न मिलेगा क्या है हाथापाई में।।
रूठ जायेंगे सुन करके यदि,
थोड़ी-थोड़ी बातों को।
फिर कैसे सह पायेंगे हम,
दुख से भरी बरसातों को।
बहुत कीमती समय गँवाया, हमने इस रुसवाई में।
बिना प्यार के कुछ न मिलेगा क्या है हाथापाई में।।
अगर दिलों में जलने लग,
जाए कोई अंगारा
उसे बुझा दो दिल में ही है
एक सरस जल धारा।
जैसे हास्य रुँदन छिप जाते, दो ही शहनाई में।
बिना प्यार के कुछ न मिलेगा क्या है हाथापाई में।।

==================================
ग्राम व पोस्ट - सतांव,
जिला रायबरेली (उ0प्र0)

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी

  © Free Blogger Templates Photoblog III by Ourblogtemplates.com 2008

Back to TOP